ये मत सोचना के आस छोड़ दी है, बस अब मैंने तेरी तलाश छोड़ दी है… पर खुश हूँ की, खुद को गिरा का कुछ उठाया नहीं मैंने। हम को मिटा सके ये ज़मा
ये मत सोचना के आस छोड़ दी है, बस अब मैंने तेरी तलाश छोड़ दी है… पर खुश हूँ की, खुद को गिरा का कुछ उठाया नहीं मैंने। हम को मिटा सके ये ज़मा